/Uttarakhand/Hindu temple

Nagraja Mandir Baun

Q984+QM3, Baun, Uttarakhand 249193, India

Nagraja Mandir Baun
Hindu temple
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Devaditya singh Chandrawat
Devaditya singh Chandrawat
जन्म पत्रिका में अगर काल सर्प का योग है तोैं, उत्तरकाशी सीमा पर सेम नागराज जी का एक मंदिर है जहां आपको इसका समाधान मिल सकता है.
इस मंदिर में श्री कृष्ण की नागराज के रूप में पूजा अर्चना की जाती है, यहां के एक पुजारी ने इस बात का दावा किया है की यहां के जल से स्नान करने पर लोगों को कुष्ठ रोग से मु्क्ति मिलती है.
उत्तराखंड में सेमनगरज मंदिर को पांचवा धाम माना गया है. पुराणों में इस बात का जिक्र किया गया है की द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका छोड़  उत्तराखंड के रमोलागढ़ी में आकार यहां मंदिर में मूर्ति रूप में स्थापित हो गए थे. कालिया नाग को दर्शन देने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा था.
जब कृष्ण बाल रूप में यमुना किनारे अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे, इस दौरान उनकी गेंद यमुना के जल में गिर गई जिसे लेने के लिए बालक कृष्ण यमुना में कूद गए. काफी समय तक वह जब बाहर नहीं आए तो उनके दोस्त डर कर नंद बाबा को इस बात की सूचना के लिए दौड़े क्योंकि यमुना का जल उस समय कालिया नाग के विष के प्रभाव से विषैला हो चुका था.
नंद बाबा पूरे गोकुल गांव के साथ यमुना के किनारे एकत्र हो गए लेकिन किसी को भी कृष्ण के जीवित होने की उम्मीद नहीं थी पर कुछ देर बाद अपनी गेंद के साथ कालिया नाग के फन पर नृत्य करते हुए कृष्ण यमुना से बाहर निकाल आए. जिसके बाद गोकुल वासी सभी लोगों ने श्रीकृष्ण की जय जय कार की थी.
जैसे ही कृष्ण यमुना के जल में उतरे उनका सामना कालिया नाग कि पत्नी से हुआ जो उन्हें साधारण बालक समझकर उन्हें विष से बचने की हिदायत देते हुए वापस लौटने के लिए कहती है, किंतु वह बिना गेंद लिए वापस आने को तैयार नहीं होते. उनकी इस बात की जानकारी वह अपने पति कालिया नाग को देती है.
क्रुद्ध होकर फुंकार मारते हुए कालिया नाग बाहर आते है और श्री कृष्ण से युद्ध करते हैं और अंत में कृष्ण के हाथों परास्त होते हैं जिसके बाद भगवान कृष्ण कालिया नाग को यमुना से निकल जाने का आदेश देते हैं.
घायल हुए कालिया नाग ने कृष्ण से पूछा ये सवाल
कालिया नाग ने पूछा की आखिर वह कहां जाएं जहां वह शांति से रह सके और उनके विष का दुसप्रभाव भी न हो उस वक्त भगवान कृष्ण ने उन्हें उत्तराखंड के रमोलीगढ़ में जाने का आदेश दिया था. तब कालिया नाग भगवान को एक बार वहीं आकार उन्हें दर्शन देने की विनती करते हैं और कृष्ण उन्हें भरोसा देते हैं की वह एक बार जरूर उसे दर्शन देने उत्तराखंड आएंगे. इसी भरोसे को रखने के लिए द्वापर में श्रीकृष्ण उत्तराखंड में ब्राह्मण के वेश में पहुंचे थे। प्रकटेश्वर मंदिर
ऐसी मान्यता है की प्रकटेश्वर मंदिर के पास बहने वाले जल से त्वचा के सभी रोग दूर होते हैं, खासकर कुष्ट रोग दूर होने के दावा किया जाता है. मंदिर के पुजारी की माने तो कुंडली में काल सर्प योग का निवारण भी यहां नाग की पुजा से दूर हो जाता है. राहू और केतू गृह के बीच सभी गृह पड़ने से ऐसे स्थिति आती है तब इंसान को जी तोड़ मेहनत के बाद भी फल नहीं मिलता है और इंसान परेशानियों से घिरा रहता है।
Sanjay singh
Sanjay singh
Suraj Rawat Suraj
Suraj Rawat Suraj
Aakash Padiyar
Aakash Padiyar
RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
Good
AJAY ASWAL
AJAY ASWAL247 days ago
Dhanbeer Bist
Dhanbeer Bist1 year ago
Ramgopal Chauhan
Ramgopal Chauhan2 years ago
🙏जय नागराज देवता की
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