यह 'नीलकण्ठ महादेव मंदिर' बहुत प्राचीन मंदिर है इस मन्दिर में प्रारम्भ से भगवान शिव का शिवलिंग रूप में विद्यमान है। यह मंदिर शिवलिंग प्राचीन शैली में निमित्त है पर इस मंदिर का निर्माण कार्य वाल्मिकी समुदाय के द्वारा कराया गया है अब नवमंदिर में शिव जी के साथ साईं बाबा का भी लघु मंदिर निर्मित है।
'नीलकंठ महादेव मंदिर' के साथ प्राचीन काल से ही कुछ लोक- कथा प्रचलित है, कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस शिवलिंग पर 'दीपक' लगाया जाता था जो रात्रि के समय अचानक हवा से उड़कर पुरातन काल की 'एक बावड़ी' चला जाता था । इस बात के साक्ष्य वाल्मिकी समुदाय के लोग हैं । माना जाता है इस मंदिर का उस बावड़ी से कोई संबंध अवश्य है ! वर्तमान में बावड़ी के समीप मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा मस्जिद का अवैध निर्माण किया हुआ है।
इस मंदिर के निकट दो प्राचीन बरगद के वृक्ष के बीच एक कुंआ है जो पुरातन काल से ही भूत-प्रेतों व साया जैसे नकारात्मक शक्तियों का स्थल हुआ करता था।
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में भगवान महादेव के आशीर्वाद व कृपा से यह अब सब सामान्य रूप में है।🙏🕉️
'नीलकंठ महादेव मंदिर' के साथ प्राचीन काल से ही कुछ लोक- कथा प्रचलित है, कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस शिवलिंग पर 'दीपक' लगाया जाता था जो रात्रि के समय अचानक हवा से उड़कर पुरातन काल की 'एक बावड़ी' चला जाता था । इस बात के साक्ष्य वाल्मिकी समुदाय के लोग हैं ।
माना जाता है इस मंदिर का उस बावड़ी से कोई संबंध अवश्य है !
वर्तमान में बावड़ी के समीप मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा मस्जिद का अवैध निर्माण किया हुआ है।
इस मंदिर के निकट दो प्राचीन बरगद के वृक्ष के बीच एक कुंआ है जो पुरातन काल से ही भूत-प्रेतों व साया जैसे नकारात्मक शक्तियों का स्थल हुआ करता था।
श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में भगवान महादेव के आशीर्वाद व कृपा से यह अब सब सामान्य रूप में है।🙏🕉️