आगर-मालवा। बैजनाथ महादेव की नगरी आगर में पग-पग पर शिवालय स्थापित हैं। करीब 1 कि.मी. दूर गुफाबर्डा के समीप हरियाली के बीच टेकरी पर भी महादेव विराजे हैं। जो शंकर टेकरी के नाम से जाने जाते हैं। मंदिर के चारों तरफ और टेकरी छटा सावन के दिनों में आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यहां भी श्रावणमासोत्सव के दौरान कई भक्तगण नियमित पूजन करने पहुंच रहे हैं। यहां का शिवालय कितना प्राचीन है इसका प्रामाणिक इतिहास तो उपलब्ध नहीं है। किन्तु वयोवृद्ध लोगों के अनुसार इस स्थान को लंबे समय तक डाकन टेकरी के रूप में जाना जाता रहा। किवंदती के अनुसार लोगोंं के बीच इस स्थान पर डायन रहने की धारणा थी। इसकी वजह से लोग इस स्थान पर जाने में डरते थे। इसी बीच 20 वीं सदी के आरंभ में एक योगी ने यहां अपना डेरा जमाया और शिव मंदिर बनवाया। जिसकी वजह से लोगों की आवाजाही यहां आरंभ हुई और डाकन टेकरी को शंकर टेकरी के रूप में जाना जाने लगा। इस मंदिर परिसर में ऊपर तथा नीचे की ओर कुछ समाधियां भी बनी हुई हैं।
यहां का शिवालय कितना प्राचीन है इसका प्रामाणिक इतिहास तो उपलब्ध नहीं है। किन्तु वयोवृद्ध लोगों के अनुसार इस स्थान को लंबे समय तक डाकन टेकरी के रूप में जाना जाता रहा। किवंदती के अनुसार लोगोंं के बीच इस स्थान पर डायन रहने की धारणा थी। इसकी वजह से लोग इस स्थान पर जाने में डरते थे।
इसी बीच 20 वीं सदी के आरंभ में एक योगी ने यहां अपना डेरा जमाया और शिव मंदिर बनवाया। जिसकी वजह से लोगों की आवाजाही यहां आरंभ हुई और डाकन टेकरी को शंकर टेकरी के रूप में जाना जाने लगा। इस मंदिर परिसर में ऊपर तथा नीचे की ओर कुछ समाधियां भी बनी हुई हैं।